गेहूं की खेती एशिया के सभी राज्यों में लगभग की जाती है। अगर आप भी किसान हैं और गेहूं की खेती करना चाहते हैं ।
या अगर आप एक बिजनेसमैन है और गेहूं की खेती के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको यह आर्टिकल पूरा जरूर पढ़ना चाहिए।
गेहूं रवि की मुख्य फसल मानी जाती है। इसकी बुआई नवंबर माह में शुरू होती है। उस समय मौसम ठंडा रहता है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे गेहूं की खेती की जाती है। गेहूं की खेती करने के लिए किन-किन चीजों को तैयार करना होता है ।
किस प्रकार के बीज का प्रयोग किया जाता है कौन-कौन सी सावधानियों को ध्यान में रखा जाता है।
और गेहूं की खेती करते किसानों को किस परेशानियों से गुजरना पड़ता है और किस प्रकार के रोग कीट पौधों में लगते हैं और उसका क्या उपाय है।
गेहूं की खेती कैसे की जाती है।
1.भूमि /खेत तैयार करना
गेहूं की खेती के लिए भूमि तैयार करना बहुत ही आसान है। आपको गेहूं की खेती करने के लिए खेतों में 70 से 80% नमी की जरूरत होती है
इसीलिए नवंबर माह में अगर आप के खेत में नमी नहीं है तो आपको खेत को 8 -10 दिन पहले पानी चला कर छोड़ देना चाहिए उसके बाद से उसकी नमी हो जाने पर 2-3 बार जुताई कर देनी चाहिए।
गेहूं की खेती के लिए एकदम भुरभुरा मिट्टी होना बहुत ही जरूरी होता है।
गेहूं की खेती के लिए जुताई मैं सबसे पहले तवा वाले हर का प्रयोग करना चाहिए उसके बाद नोहर वाले हर का प्रयोग करना चाहिए फिर अंत में रोटावेटर का प्रयोग करके मिट्टी को एकदम भुरभुरा कर देना चाहिए।
इसके अलावा आपको अपने खेतों की अच्छी तरह से मेड़बंदी भी कर देनी चाहिए।
2.बीज तैयार करना
गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए आपको सुधा और शोधन बीज का प्रयोग करना चाहिए जिससे अधिक से अधिक मात्रा में अच्छी पैदावार हो सके।
गेहूं की बीज तैयार करने में कई प्रकार के दवाइयों का भी प्रयोग किया जाता है जिसका सलाह आप दुकानदार से ले सकते हैं।
3. खेत में जरूरी खाद्य उर्वरकों का छिड़काव करना
अच्छी पैदावार के लिए आपको जुताई करने से 4 दिन पहले खेत में जरूरी उर्वरकों जैसे डाई पोटाश zam जिंक तथा गोबर की मात्रा डालनी चाहिए।
उसके बाद अंत में रोटावेटर से जुताई करके मिला देना चाहिए।
4. बुवाई करने की प्रक्रिया
किसानों द्वारा अच्छी पैदावार के लिए एक निश्चित अनुपात में गेहूं का डायरेक्ट हाथों द्वारा खेतों में छिड़काव किया जाता है जिस गेहूं की बुवाई कहते हैं।
किसान प्रति कट्ठा गेहूं के बीज का छिड़काव एक निश्चित अनुपात में करते हैं।
भारत के पूर्वी क्षेत्रों में प्रति कट्ठा 1.5kg गेहूं की बीज का छिड़काव किया जाता है।
5. गेहूं के लिए जरूरी सिंचाई
गेहूं की बुवाई हो जाने के बाद किसान 20 से 25 दिन के अंदर पहली सिंचाई करता है यानी खेत में पानी चलाता है ।
इसके बाद आपको यूरिया का छिड़काव करना चाहिए। जिसकी मात्रा 1 एकड़ में लगभग 30 किलो से 35 किलो का छिड़काव होता है
अगर इसके बाद से 40 दिन के बाद आप के खेत में अगर वर्षा नहीं होती है तो आप को फिर से पानी चलाना पड़ेगा।
वैसे तो दो बार ही सिंचाई करने पर गेहूं की फसल हो जाती है लेकिन अगर आप का क्षेत्र में पानी नहीं होता है और मौसम के हिसाब से आपके खेत में नवीन नहीं रहती है तो आप को तीसरी बार भी पानी चलाना पड़ सकता है।
6. गेहूं तैयार होना
कृषि वैज्ञानिक और किसानों का मानना है कि गेहूं की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती हैं भारत के उत्तरी पूर्वी क्षेत्रों में गेहूं के हिसाब से 4 से 5 महीने में गेहूं तैयार हो जाता है।
किसानों का मानना है कि गेहूं के बाल निकालने के 25 से 30 दिन के अंदर आपका गेहूं पक कर तैयार हो जाता है ।
7. कीट रोग और उपचार
गेहूं की खेती करते समय किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसमें किसान आसानी से कीटनाशक दवाओं का उपयोग करके उससे छुटकारा पा सकते हैं।
गेहूं के पतियों मैं खैरा रोग लगना , पतियों में छेद हो जाना, काला पड़ना , आदि बहुत प्रकार के रोग लगते हैं। जिसका निवारण किसान आसपास के कृषि वैज्ञानिक से सुझाव लेकर समाधान करता है।
इसके अलावा खेत में गेहूं होते समय बहुत सारे खरपतवार भी आते हैं जिसके लिए कई सारी दवाओं का भी छिड़काव किया जाता है जिससे गेहूं गेहूं के खेत में कम से कम घास खरपतवार उगते हैं ।
8. गेहूं की कटाई की प्रक्रिया
किसान गेहूं की कटाई की प्रक्रिया दो प्रकार से करता है।
- हंसता कटाई
- Machinery कटाई
8.1.हस्त कटाई
हस्त कटाई में किसान गेहूं काटने के लिए एक उपकरण हंसिए का इस्तेमाल करता है।
हास्य द्वारा कटाई करके उसको इकट्ठा करके मशीन द्वारा गेहूं निकाला जाता है।
8.2.मशीनरी कटाई
मशीनरी कटाई में किसान को ज्यादा परेशानी नहीं होती है वह अपने खेत में कंबाइन नाम का एक मशीन का इस्तेमाल करता है जिससे कुछ ही मिनट में कई एकड़ की कटाई हो जाती है।
और कंबाइन मशीन ही फिल्टर करके ऑटोमेटिक गेहूं मैं बदल देती है इससे किसानों को बहुत ही सुविधा होती है।
9.गेहूं को स्टोर करना
अब अनाज को किसान देहरी में स्टोर करके ऊपर से दबाव की एक पुड़िया रख देते हैं जिससे गेहूं में कीड़े से सुरक्षा मिलती है। और लंबे समय तक गेहूं को कोई नुकसान नहीं होता है।
QnA
Q1. गेहूं की फसल कब काटी जाती है?
Ans:- गेहूं के फसल की बुवाई नवंबर माह में शुरू होती है और मार्च-अप्रैल में में पक कर तैयार हो जाती है उसी समय कटाई की जाती है।
गेहूं की फसल को बोने से लेकर काटने तक के बीच में 5 महीने तक का समय लगता है।
Q2 . 1 एकड़ में कितना गेहूं पैदा होता है ?
Ans:- भारत में गेहूं की कई सारी प्रजातियां पाई जाती हैं तो यह अनुमान लगाना संभव नहीं होगा कि 1 एकड़ में कितना गेहूं पैदा हो सकता है।
लेकिन किसानों और कृषि वैज्ञानिकों का एक औसत मान दिया गया है कि।
1 एकड़ में औसतन 17 से 18 कुंटल तक गेहूं का उत्पादन होता है ।
Q3 . गेहूं में दूसरी बार खाद कब डालें ?
Ans – गेहूं में पहली बार खाद 20 से 25 दिन के बाद दिया जाता है। और उसके बाद से 40 दिन बाद पानी चला कर दूसरी बार खाद दिया जाता है।